Tuesday, October 11, 2011

'Radhe Guru Maa' ki Leelaye - Part 23




परम श्रधेय श्री राधे शक्ति माँ को हाज़िर नाजिर मान कर कहता हूँ की जो कहूँगा सच कहूँगा, सच के सिवा कुछ न कहूँगा / - सरल कवी|

सिक्खों के पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहेब में कहा है -" कलयुग में कीर्तन परधाना |" गोस्वामी श्री तुलसीदास जी महकाव्य  श्री राम चरित मानस में लिखेते है - ' कलयुग केवल नाम अधरा | सभी प्राचीन ग्रंथो, ऋषि मुनियों तथा महापुरुषो ने भजन सत्संग को मानव  जीवन में कल्याण का सर्वश्रेष्ठ साधना माना है | यही कारण है कि ममतामयी पूज्य 'श्री राधे शक्ति माँ' को भजन कीर्तन सत्संग अतिप्रिय लगते है | भजन संगीत में मग्न पूज्य श्री राधे शक्ति मा को अनेक बार देखा गया है कि वे भजन गा रहे गायक से माइक  लेकर स्वयं भजन गाने लगती है | 

'श्री राधे माँ' भवन के पाचवे माला पर स्थित पावन गुफा में जो संगत 'देवी माँ'  कि गुफा में निरंतर भजन प्रसारित होते रहते है, जिनको लय में मग्न होकर 'श्री राधे शक्ति माँ'  कई बार ध्यान मुद्रा में नयन बंद कर भजन भक्ति में लीन हो जाती है | तो कई बार भावविभोर होकर नृत्य मुद्रा धारण कर अपने  भक्तो को अदभूत  लीलिए दिखलाती है | इन्हें भजन प्रसारण के दौरान भक्तजनो को पूज्य 'देवी माँ'  की  विभिन्न छवियों दर्शन होते है |

जैसा कि सबको मालूम है 'श्री राधे शक्ति माँ' भवन में हर पंद्रह दिन बाद माता कि चौकी का आयोजन होता है | माता की चौकी में हजारो की संख्या में संगत उपस्थित होती है | यहाँ हिंदुस्तान ही नहीं विश्वभर में प्रसिद्ध भजन गायक अपनी भक्ति संगीत कि कला से पूज्य देवी माँ  कि वंदना कर चुके है और निरंतर कर रहे है | प्रत्येक भजन - गायक 'देवी माँ'  की हाजरी लगाने को लालायीत  रहता है | जिस दिन उसे यहा भजन गाने का सु अवसर प्राप्त होता है | वह अपने आप को भाग्यशाली मानता है | यहा यह उल्लेख करना भी चाहूंगा कि एक कार्यक्रम में लाखो की पारिश्रमिक  प्रप्ति वाले भजन गायक यहाँ मात्र सेवा भाव से अपनी प्रसूति देते है |

पूज्य 'श्री राधे शक्ति माँ' की सेवा में किये जाने वाले जागरण और माता की चौकी में आने वाले भक्तजन प्रत्येक पंद्रह दिन बाद दोहरा लाभ उठाते है | लगभग  रात्रि के  आठ  बजे 'देवी माँ' के दिव्य दर्शन आरम्भ हो जाते है | प्रत्येक माता कि चौकी में अनेक कलाकार उपस्थित रहते है | बहुत बार ऐसा भी देखा गया है कि कलाकारों की संख्या अधिक होती है और समय सीमा सीमित |  यहाँ आयोजक विचित्र परिस्थिति में होते है | एक एक भजन गायक जो दो - अढाई घंटे निरंतर गाने की क्षमता रखता है उसे केवल मात्र दो - या तीन भजन गाने को मिलते है | लेकिन भजन गायक इसे भी अपनी खुश किश्मती मानता है कि चलो पूज्य 'श्री राधे शक्ति माँ' के चरणों में अपनी आस्था के फुल चढाने  का अवसर तो मिला |


लघभग सात बजे सायं  से ही 'श्री राधे माँ  भवन' के ग्राउंड प्लोर स्थित हॉल में संगतो का प्रवेश शुरू हो जाता है | जैसे ही भजन कीर्तन आरंभ होते है, ठसाठस भरे हॉल में माता के भक्त भक्ति भाव में डूब जाते है | तालिय बजाते, मस्ती में झूमते गायक के संग-संग गाते हुए वे भक्तजन  लम्बे समय तक भक्ति संगीत का आनंद लेते है | जैसे ही 'पूज्य श्री राधे शक्ति माँ' के दर्शनों का सिलसिला आरम्भ होता है हॉल  में उपस्तिथ लोग सीढियों की तरफ अग्रसर होते है | जबकि हॉल के बाहर खड़ी संगत शीघ्रता से हॉल में प्रवेश कर भक्ति संगीत रस में डूब जाती है | यह सिलसिला देर रात तक चालू रहता है | संगत को एक से बढकर एक प्रतिभावान गायक का हुनर देखने सुनने को मिलता है, जबकि गायक कलाकार को श्रोताओं की कमी महसूस नहीं होती | इस दौरान गायक कलाकार पूज्य 'श्री राधे शक्ति माँ'  की अनेक लीलाओं का वर्णन कर भक्तोजानो को मा की दयालुता, ममता और करुणा अवगत कराते रहते है | बहुत से कलाकार अपनी आप बीती में 'देवी माँ' द्वारा उन पर किये गये उपकारो का वर्णन कर अपने भाजोनो के माध्यम से कृतज्ञन्यता दर्शाते  है | भजन गायकों के साथ साथ साज बजाने वाले कलाकारो की प्रशंसा करना अति आवश्यक है | अपने अपने साज बजाने में निपुण ये गुणी कलाकार इसलिये भी प्रशंसा  के पात्र है कि एक कार्यक्रम में लघभग आधा दर्जन भर गायक अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करते है, परुन्तु ये वाद्य कलाकार निरंतर क्रमशः सभी कलाकारों की बिना थके बिना रुके संगत करते है | बहुत से कलाकार इन वाद्य कलाकारो की निपुणता के लिये भरी सभा में उनका गुणगान भी करते है |

आज के लेख के अंत में पूज्य 'श्री देवी राधे शक्ति माँ' के दर्शन के लिये आने वाली संगत से निवेदन करना चाहूंगा की चौकी में बैठकर सीधे पाचवे माला पर जाने की जल्दबाजी नहीं करे | संगत के लिये आयोजीत किये जाने वाले इस कार्यक्रम में भक्ति संगीत का पूर्ण आनंद ले | मग्न होकर भजन सुने, भक्ति रस में गहरे डूब जाये और फिर आराम के साथ पूज्य 'देवी माँ'  के दर्शन करने लिये पाचवी मंजिल पर स्थित गुफा में पहुचे | आपको एक अदभुत आनंद की अनुभति होगी |

जय 'श्री राधे शक्ति माँ' |

Note - 
Dear all, thanks for your overwhelming response, we will be sharing your experience with all the devotees of 'Shri Radhe Maa' very soon. 

If you also wish to share your experience with all the devotees of 'Devi Maa' you can email us on sanjeev@globaladvertisers.in, we will get it published.

प्रिय 'देवी माँ' के भक्तो 'माँ की लीलाए' हम निरंतर शृंखलाबंध प्रस्तारित कर रहे हैं | इसमें हमने 'देवी माँ' के सानिध्य में आने वाले भक्तों के अनुभव को कलमबदध किया हैं | 'माँ की लीलाये' आप को कैसी लगी रही हैं इस बारे मैं आप अपनी राय, अपनी समीक्षा, अपना सुझाव हमें निम्न इ-मेल पर भेज सकते हैं |


आप अगर अपने अनुभव,  'देवी माँ' के अपने साथ हुए चमत्कार को सबके साथ बाटना चाहते हैं,  तो हम आपके नाम और पते के साथ इसे पेश करेंगे | आप चाहेंगे तो नाम पता जाहिर नहीं करेंगे आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में -
Sanjeev Gupta
Email - sanjeev@globaladvertisers.in

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