Wednesday, August 17, 2011

'Radhe Guru Maa' ki Leelaye - Part 8

Part 8

संजीव गुप्ता दो तिन कदम आगे बढ़ने के बाद रुके |     उन्होंने तनिक घूमकर मेरी तरफ अपना रुख किया |     उन्होंने दोनों हाथ क्षमा याचना की मुद्रा में जोड़े थे |    विशिष्ट मुस्कान के साथ उन्होंने मैत्री पूर्ण निगाहों से मेरी तरफ देखा |     उनके चेहरे के भावो से लग रहा था, जैसे वह कह रहे हो, मेरी बात का बुरा लगा तो माफ़ी मांगता हु |    

संजीव गुप्ता से मुझे विशेष आकर्षण और व्यक्तित्व नज़र आ रहा था |    उनके चेहरे से आत्मविश्वास और नेतृत्व के भाव जलक रहे थे |     किसी को भी अपनी और आकर्षित कर लेने की छबि ने मुझे उनका एक ही नजर में प्रशंशक बना दिया |     


मैं उनके निकट पंहुचा |   "सॉरी संजीवभाई" मैंने क्षमा भरे स्वर में कहा, " दरअसल में यहाँ के वातावरण की एक एक बात से परिचित होना चाहता था, इसलिए अनिल से कुछ जानकारी हासिल करना छठा था..."


मेरी बात पुरिभी नहीं हुई थी की, मेरी बगल से एक महिला गुजरी |   उसे तिन चार व्यक्तियों ने घेर रखा था |   वह तेज कदमो से चलती हुई, सीधी सीढियों की तरफ बढाती चली जा रही थी | 


"ये रीना रॉय है" संजीव गुप्ता ने एकदम फुसफुसाते स्वर में कहा, "फिल्म स्टार ! पहचाना?"


ओह, हा! में जैसे कही खो गया था |   "ठीक कहा आपने" मैं सोच रहा था, इस महिला का चेहरा जाना पहचाना क्यों लग रहा है"


"सुनिए, भक्त जी", संजीव गुप्ता अत्यंत व्यस्त स्वर में बोले, "देवी माँ के बारे में, यहाँ की 'माता की चौकी', यहाँ आनेवाले श्रद्धालु और देवी माँ के चमत्कारों के बारे में अगर आपको कुछ जानना है, तो कल समय निकालकर मेरे ऑफिस में आईये |  आपने चामुंडा सर्कल देखा है ?"

मैंने सहमती में सर हिलाया |  चामुंडा सर्कल में आप किसी से भी 'ग्लोबल एडवरटाइजर्स' की बिल्डिंग पूछिए |  संजीव गुप्ता गंभीर स्वर में बोए |  बड़ी सी कांच की बिल्डिंग है |  बाहर पूज्य राधे माँ का बड़ा सा होर्डिंग लगा है | "

"जी|", मैं कृतज्ञ स्वर में बोला |  "में समय निकालकर कल आता हु|"

"आपका नाम?" उन्होंने मेरी आँखों में झाका  | 

"भगत" में मुस्कुराया, "अभी तो नाम भगत है. दर्शनों के बाद देवी माँ का भगत हो जाऊंगा |"

"अच्छा लगा !" संजीव गुप्ता ने मेरा कन्धा थपथपाया |  "आप का यहाँ आना अच्छा लगा, आप कल आईये |  फिर में आपको देवी माँ के अनेकानेक चमत्कारों से अवगत करता हु | "

"थेंक यू सर." मैंने हाथ जोड़कर पूछा, "मेरा नंबर कब आएगा? "

"जब आप पर देवी माँ की कृपा होगी |  " संजीव गुप्ता श्रद्धा भरे स्वर में बोले, " जब आपकी आस्था, आपका विश्वास, आपकी अंतर आत्मा सच्ची भावना से पुकारेगी, आप देवी माँ के सन्मुख खड़े होंगे |  "

वो झटकसे मुड़े |  लम्बे उग भरते हुए सीढियों की तरफ बढे |  कुछ सेवादारो ने आदर से उन्हें नमस्ते किया |

"चलिए भगतजी.." एक सेवादार ने मुझे टोका|  "आगे बढ़ जाईये |  वह पिल्लर के पास खली जगह है | वहा बेठिये, प्लीज|"

में भीड़ में जगह बनाते हुए पिल्लर के पास पंहुचा| एक व्यक्ति ने तनिक खिसककर मेरे लिए जगह बनाई | सफ़ेद कुरता पायजमा और सफ़ेद पघडी बांधे, वह सिख संप्रदाय का युवक से लगने वाले आदमी ने एक उडती हुई दृष्टिमेरी तरफ डाली और फिर साजिंदों की तरफ देखने लगा, जो बड़े सधे हाथों से एकदम परफेक्ट ढंग से गायक की संगत्सर रहे थे|

मेरी दृष्टि उसपर जम गई|  सिख युवक ने मेरी तरफ मुह घुमाया| " आप सुरेन्द्र है ना?",  मैंने हर्षित स्वर में पूछा| "लाफ्टर चेलेंज, कोमेडी शो और बहुत से टीवी सीरियलों में मैंने आपको देखा है|"

उसने मुस्कुराकर सहमती में सर हिलाया|

"वह क्या बात है?" मैंने आपनी पीठ खुद थपथपाई, लकी हो भगत| इतने सारे सेलेब्रिटीज के एक साथ दर्शन हो गए |

"अभी तो देवी माँ के दर्शन बाकि है| मेरे मन के किसी कोने से आवाज आई| तब अपने आप को लकी कहना जाइज होगा |

"जय करा श्री राधे शक्ति माँ, मेरी गुडिया जैसी देवी माँ का.." मैंने अत्यंत बुलंद स्वर में उत्तर दिया, "बोल सच्चे दरबार की जय"

निरंतर......

 
http://shriradhemaa.blogspot.com/p/devi-maa-gyan.html


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